
बलौदा बाजार मंगलवार को तहसीलदारों के अचानक एक दिवसीय सामूहिक अवकाश पर चले जाने से किसान तहसील कार्यालय में भटकते रहे। किसान पूछते रहे कि तहसीलदार कार्यालय कब आएंगे और हमारी समसयाओं और प्रकरणों की सुनवाई कब होगी। तहसीलदारों के छुट्टी पर होने से कामकाज ठप रहा।
किसान अपना आवेदन लेकर तहसील कार्यालय में चपरासी और बाबू से जानकारी लेते रहे, किंतु किसानों को जवाब देने वाला कोई भी जवाबदार अधिकारी मौजूद नहीं था। इस कारण उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा। रानी जरौद के हरिन साहू ऋण पुस्तिका, स्तका, सिनोधा के अर्जुन लाल वर्मा त्रुटि सुधार, सुहेला के प्रेम सिंह वर्मा और सकलोर के कमल दास सीमांकन के लिए, सुंदरलाल गेंडरे बिलाई डबरी मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए, संप एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड बायोफ्यूल्स के योगेश पटेल अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए तहसील कार्यालय में भटकते हुए नजर आए। कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ व जिलाध्यक्ष के आह्वान पर बलौदाबाजार जिले के समस्त
तहसीलदार की कुर्सी खाली पड़ी रही।
तहसीलदार व नायब तहसीलदारों ने सामूहिक अवकाश के लिए अपर कलेक्टर के माध्यम से कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था। विदित हो कि कलेक्टर चंदन कुमार विकसित भारत विकसित कार्यक्रम के तहत 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्थानीय 21 दुर्गा मैदान में बलौदाबाजार विधानसभा क्षेत्र के लोगों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित करेंगे, जिसका स्थल निरीक्षण के लिए पहुंचे थे वहां भी स्थानीय तहसीलदार कुनाल सरवैया अनुपस्थित रहे। बलौदाबाजार कलेक्टर चंदन कुमार ने कहा कि तहसीलदारों द्वारा दिए गए ज्ञापन और सामूहिक अवकाश में रहने को मैं तक्जो नहीं देना चाहता।